Ajay Kumar Chaudhary Blog
- 15 Posts
- 8 Comments
………………….(१) ………………..
भारती के बहते बिँदु पड़े दिल में छाले
लोकतंत्र की समझ में खूब हुए घोटाले
जनता का यकीन छला बने हैं रखवाले
आम तो अब चूस चुके केले हैं निवाले
……………… (२) ……………….
लोमड़ी हैं सियार हैं कितने मक्कार हैं
छल फरेब के देखिये पूरे सँस्कार हैं
फँसी नैया बीच भँवर कोई पतवार है ?
बने प्रणेता कमअक्ल जनता धिक्कार है
©Ajay Kumar Chaudhary (Lko-India)
Read Comments